Farebi | फ़रेबी

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हम जानते हैं तुम फरेबी हो 

तेरी फरेब में भी शुकुन मिला

है खुदा सबमें यकीन है जो 

शिकवा हो क्यों किसी से गिला ?

हम जानते हैं………..

 

कैसे बताऊं लोगों को मैं ?

क्या छूटा मेरा ? , मुझे क्या मिला ?

हम जानते हैं ………..

 

बिजली की तरह वो चमकी 

बादल की तरह मैं बरसा 

वो प्यासी थी मैं था भूखा

मंजर भी था सूखा सूखा ।

 

ऊंचाइयों से अब डर है कहाँ ?

गहराइयों में जो उतरने लगे 

अब क्या गहरा क्या उथला ?

 

कैसे बताऊं अब लोगों को मैं

क्या छूटा मेरा मुझे क्या मिला ?

हम जानते हैं…………

 

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