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Mitti meri man hai | मिट्टी मेरी मां है 

green plant sprouting at daytime

मिट्टी मेरी मां है

इसकी सोंधी-सोंधी खुशबू

बचपन में ममता से खाया

इसकी आंचल में सोया

घरोंदे बनाया मिटाया

मिट्टी मेरी मां है ……

 

सींचा श्रमनीर फसल दिया

मेरी पुरखों की है जान

आन है, बान है, शान है

मिट्टी मेरी पहचान है

मिट्टी मेरी मां है ………

 

सपनों की रेखाएं खींची

कभी आड़ी , कभी तिरछी

बदलता रहा हूं यह वही की वही रही

मिट्टी तो मिट्टी है वह कभी मीटी नहीं

मिट्टी मेरी माँ है ……

 

कभी सूखी कभी गीली

मिट्टी बनी रंग रंगीली

कोख में है कितनी सभ्यताएं

यह मुझे मेरी मां बताएं

मिट्टी मेरी मां है ……

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