Jindagi ko dekhna h

 

जिंदगी को है देखना 

 

देखके है सब सीखना 

 

मुसीबतों से है जूझना 

 

कभी  नहीं  है  टूटना ।

 

 

कर्म वृक्ष को सींचना 

 

फूलना है फलना है

 

बीज बनके बिखरके

 

हर जगह  उगना  है  ।

 

असफलता – सफलता

 

चक्र सा  चलता  रहता 

 

कर्म वृक्ष में  सफलता

 

सदैव  वास है  करता ।

 

बना लक्ष्य हो उसपे अक्ष

 

मजबूत रखो अपना पक्ष

 

सत्य को साधते रहो सदा

 

करो  नित  कर्म  साधना ।

 

कर्म ही पूजा हो कर्म ही आराधना

 

लक्ष्य हो ध्यान में उसको  साधना

 

हो दुरुह राह तो कर्म को पुकारना

 

छल से हो सामना कर्म से हुंकारना । 

 

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