Beta | बेटा

man and boy walking on seashore under blue sky

बेटा मैंने तुझमे खुदको इस तरह समेटा

तू जब आया जग में खुदको नया पाया ।

देखा पहली बार तूझे तू बना जीवन रेखा

तुझमें  खुदको फिर नया अपने को देखा ।

तूने मुस्कुराया सारा जहां उसमें समाया

तेरे बचपन में खुद का बचपन भी देखा ।

माँ ने जो था मुझको बताया, समझाया

तुझको अपना  जीवन  आधार  बनाया ।

तेरे जिद के आगे घोड़ा हांथी मैं बनता

कर सवारी तू जीवन का सपना रचता ।

प्रश्न तू जब – जब पूछे मुझे, उत्तर देके 

नए अरमानों के धागे मैं तेरे संग बुनता ।

तेरे तोतली बोली, हंसी ठिठोली सुनता

जिज्ञासाओं से भर नए राहों को चुनता ।

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