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Intzaar kiska karta | इंतज़ार किसका करता

3 white and gray stone on black sand near body of water during daytime

कुछ  मन  कह  रहा है

घाव  बड़ा  ही गहरा है

शांत, क्लांत, एकांत में

उमीदों का  ही सेहरा है……

 

निर्णय करता जा रहा हूं

विकल्पों के चक्र घूमता

उनमें खुदको भी ढूढ़ता 

सुबह कितना सुनहरा है……

 

हालतों ने  परखा हमको

हमने हालातों से खुदको

परिस्थितियों के विपरीत

नदी के धाराओं में तैरा है…….

 

कुछ भी करूँ नया करूँ 

आलोचनाएं तो होती हैं

शंकाओं का बड़ा शोर है

चेहरों का  सदा पहरा है…….

 

गुमशुदा  होता हूँ भीड़ में 

खुदकी आवाज सुनता न 

चिल्लाने से फायदा क्या ?

भीड़ तो हमेशा से बहरा है…….

 

जो भी करना है मुझको है

अकेले खोजा जर्रा-जर्रा है

इंतज़ार किसका करता मैं

वक्त क्या कभी कहीं ठहरा है….. ?

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