जल रहा सूरज
चल रहा सूरज
वक्त को वक्त पर
बदल रहा सूरज।
सूर्य की जलन से
खिलखिलाता जीवन
आओ जलके हम भी
हो जाए सुर्य सा रोशन।
उगता लाल
डूबता लाल
पूछे हमसे
कई सवाल।
अपना बदल स्वभाव
दूर जाकर ठंडी लाता
पास आके दिखाता ताव
समझो इस के हाव भाव।
जल रहा सूरज
चल रहा सूरज
वक्त को वक्त पर
बदल रहा सूरज।
सूर्य की जलन से
खिलखिलाता जीवन
आओ जलके हम भी
हो जाए सुर्य सा रोशन।
उगता लाल
डूबता लाल
पूछे हमसे
कई सवाल।
अपना बदल स्वभाव
दूर जाकर ठंडी लाता
पास आके दिखाता ताव
समझो इस के हाव भाव।
Sanjay Sathi is a contemporary writer & storyteller, based in India
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