Kudrat | कुदरत

नजर हैरान हो जाती है 

 

कुदरत का नजारा देख के 

 

जिंदगी आसान हो जाती है 

 

फुर्सत से उसके पास बैठ के ।

 

परेशान है हर कोई इम्तिहान से 

 

खुद को पाए कैसे दिलो जान से 

 

रास्ता उसको मिल ही जाता है 

 

देखे जो तुझको इत्मीनान से ।

 

फिजाओं में ठहरके तेरे नज़र हैरान हो जाती है 

 

तेरे वादियों में आकर इरादों में जान आती है

 

तेरे वन उपवन नदियों झरने ,परिन्दों ,कारिंदों के 

 

सृजन संगीत से गूंज उठता है हरदम मेरा मन ।

 

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