Tairak / तैराक

संग थे,  उमंग थे 

वर्षों  के  जंग थे 

हास -उपहास के 

दृग अविश्वास के…….. 

 

नए – नए राह थे

सागर अथाह थे

तितिर्षु  था नया

रंग थे उत्साह के ……..

 

विचारों के शूल में

लोटे भी थे धूल में

सीखा हर  भूल से 

जुड़ा  रहा  मूल से……….

 

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