Zindagi k panne | ज़िन्दगी के पन्ने

जिंदगी के किताब के पन्नों में 

 

रात और दिन एक -एक पेज 

 

इनके हैं अपने – अपने इमेज

 

एक किरणों से भरी सर्जना 

 

एक क्लांत, शांत, विश्राम गृह 

 

इन्हीं के बीच में चलता दांव….

 

हर दिन आशाओं से खेता नाव

 

सजाते जाता हर तमन्ना पन्ना -पन्ना

 

लेता  निर्णय अपनी जिंदगी का 

 

और उसे देता हूँ मैं मुकाम …..  

 

फैलाता  पंख भरता नई उड़ान

 

एक करता  जमीन- आसमान …..

Comment

There is no comment on this post. Be the first one.

Leave a comment