Aatmbodh | आत्मबोध

तू  जग को बना दर्पण

 

 लगा निज पूर्ण समर्पण 

 

सहन कर जग  संघात

 

चित में ले कर उदात्त ।

 

 

 उपयोग ले ध्यान -विज्ञान

 

 जीवन पथ पर अनुसंधान

 

 कर मृत्यु पे जीवन शोध 

 

तुम्हें होगा तब आत्मबोध।

 

 

 नित न रहेगा कोई सदा 

 

जीवन को ना समझो विपदा 

 

स्वयं में खोज स्वयं को

 

तुझ में है अमूल्य संपदा । 

 

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